कितने खुबसूरत हुआ करते थे
बचपन के वो दिन...
जिसमें दुश्मनी की जगह सिर्फ
एक कट्टी हुआ करती थी
और सिर्फ दो उंगलिया जुडने से
दोस्ती फिर शुरू हो जाती थी...
बचपन के वो दिन...
जिसमें दुश्मनी की जगह सिर्फ
एक कट्टी हुआ करती थी
और सिर्फ दो उंगलिया जुडने से
दोस्ती फिर शुरू हो जाती थी...
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