प्रेरणादायक...
दीपावली के दिन जयपुर शहर के स्कूटर कंपनी होंडा का शोरूम बंद होने ही वाला था कि 13 वर्ष के एक बच्चे ने अपनी बहन के साथ प्रवेश किया... दोनों ने अपने हाथों में बैग ले रखे थे...
Rs 62,000 रुपए के सिक्के लेकर यश बड़ी बहन रूपल के लिए स्कूटी खरीदने आया था...
इतने सिक्के देखकर शोरूम कर्मचारी हैरान रह गए...
उन्होंने एक बार तो स्कूटर देने से मना कर दिया...
परन्तु जब यश ने पूरी बात बताई तो शोरूम मैनेजर ने स्कूटी देने के लिए अपनी सहमति दे दी।
आठवीं में पढ़ने वाला यश और उसकी बहन रूपल दो वर्षों से अपना जेब खर्च जमा कर रहे थे...
यश के पिता की आटा चक्की है...
दोनों को जेब खर्च सिक्कों में ही मिलता था...
जब नोट भी मिलते तो वे इस डर से सिक्कों में बदलवा लेते कि कहीं खर्च हो जाए... जब 62,000 रुपए एकत्र हो गए तो दोनों स्कूटी लेने पहुंच गए... माता-पिता को सरप्राइज देना चाहते थे, इसलिए अपने मामा को साथ लिया।
होंडा एडवेंट के जनरल मैनेजर ने बताया कि यह हमारे लिए पहला ऐसा मामला था, जब कोई पूरा पैसा सिक्कों के रूप में लेकर स्कूटर खरीदने आया...
इससे पहले एक बार एक व्यक्ति 29,000 रुपए सिक्कों के रूप में लाया था...
यह पूरा मामला भवनात्मक था, इसलिए हमने शोरूम को यश और उसकी बहन रूपल के लिए देर तक खोले रखा...
पूरे स्टाफ ने बैठकर दो-ढाई घंटों में सिक्कों को गिना।
प्रेरणादायक
http://www.anxietyattak.com/2017/11/inspirational.html
Inspirational ...
On the day of Deepawali, the showroom of Jaipur city's scooter company Honda was about to close, that a 13-year-old child entered with his sister ... both of them had taken bags in their hands ... with a coin of Rs 62,000 The elder sister had come to buy scooty for Rupal ... ... the showroom employees were surprised by seeing so many coins ... they once refused to give a scooter ... But when the show told the whole thing, the showroom manager gave the scoti Gave their consent for the purpose.
Yash in the eighth and his sister was depositing their pocket expenses for two years ... Yash's father's flour mill ... Both pocket expenses were spent in coins ... when they got notes too If you get converted into coins from this fear ... when Rs 62,000 was collected then both of them got to take a scooty ... wanted to surprise parents, so take your mama together.
The General Manager of Honda Adventist said that this was the first case for us when a whole lot of money came to buy a scooter in the form of coins ... once before that a person had brought 29,000 rupees as coins ... The case was devotional, so we kept the showroom open for the success of his sister and her sister ... The whole staff counted the coins in two to two and a half hours.
http://www.anxietyattak.com/2017/11/inspirational.html
दीपावली के दिन जयपुर शहर के स्कूटर कंपनी होंडा का शोरूम बंद होने ही वाला था कि 13 वर्ष के एक बच्चे ने अपनी बहन के साथ प्रवेश किया... दोनों ने अपने हाथों में बैग ले रखे थे...
Rs 62,000 रुपए के सिक्के लेकर यश बड़ी बहन रूपल के लिए स्कूटी खरीदने आया था...
इतने सिक्के देखकर शोरूम कर्मचारी हैरान रह गए...
उन्होंने एक बार तो स्कूटर देने से मना कर दिया...
परन्तु जब यश ने पूरी बात बताई तो शोरूम मैनेजर ने स्कूटी देने के लिए अपनी सहमति दे दी।
आठवीं में पढ़ने वाला यश और उसकी बहन रूपल दो वर्षों से अपना जेब खर्च जमा कर रहे थे...
यश के पिता की आटा चक्की है...
दोनों को जेब खर्च सिक्कों में ही मिलता था...
जब नोट भी मिलते तो वे इस डर से सिक्कों में बदलवा लेते कि कहीं खर्च हो जाए... जब 62,000 रुपए एकत्र हो गए तो दोनों स्कूटी लेने पहुंच गए... माता-पिता को सरप्राइज देना चाहते थे, इसलिए अपने मामा को साथ लिया।
होंडा एडवेंट के जनरल मैनेजर ने बताया कि यह हमारे लिए पहला ऐसा मामला था, जब कोई पूरा पैसा सिक्कों के रूप में लेकर स्कूटर खरीदने आया...
इससे पहले एक बार एक व्यक्ति 29,000 रुपए सिक्कों के रूप में लाया था...
यह पूरा मामला भवनात्मक था, इसलिए हमने शोरूम को यश और उसकी बहन रूपल के लिए देर तक खोले रखा...
पूरे स्टाफ ने बैठकर दो-ढाई घंटों में सिक्कों को गिना।
प्रेरणादायक
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On the day of Deepawali, the showroom of Jaipur city's scooter company Honda was about to close, that a 13-year-old child entered with his sister ... both of them had taken bags in their hands ... with a coin of Rs 62,000 The elder sister had come to buy scooty for Rupal ... ... the showroom employees were surprised by seeing so many coins ... they once refused to give a scooter ... But when the show told the whole thing, the showroom manager gave the scoti Gave their consent for the purpose.
Yash in the eighth and his sister was depositing their pocket expenses for two years ... Yash's father's flour mill ... Both pocket expenses were spent in coins ... when they got notes too If you get converted into coins from this fear ... when Rs 62,000 was collected then both of them got to take a scooty ... wanted to surprise parents, so take your mama together.
The General Manager of Honda Adventist said that this was the first case for us when a whole lot of money came to buy a scooter in the form of coins ... once before that a person had brought 29,000 rupees as coins ... The case was devotional, so we kept the showroom open for the success of his sister and her sister ... The whole staff counted the coins in two to two and a half hours.
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