कभी बचपन में साथ खिलोनो से खेला करते थे ,
कभी एक ही खिलोने के लिए लड़ लिया करते थे ,
वो लड़ाई भी दोस्ती थी |
वो हाथा -पायी भी दोस्ती थी |
कभी दोस्त के रोने पर हस दिया करते थे ,
कभी उसकी चीज़ें लेकर भाग लिया करते थे ,
वो नादानी भी दोस्ती थी ,
वो शैतानी भी दोस्ती थी |
कभी स्कूल में दोस्त का टिफिन खाना ,
कभी उसके नंबर ज़्यादा आने पर दुखी हो जाना ,
वो गलतियां भी दोस्ती थी ,
वो नाराजगियाँ भी दोस्ती थी |
कभी दोस्त के जन्मदिन पर सज -धज के जाना ,
दोस्त की फ़िक्र नहीं , वो था मस्ती करने का बहाना ,
वो बेफ्क्रिी भी दोस्ती थी ,
हा , वो बहुत गहरी दोस्ती थी |
लेकिन आज वक़्त ने अपना रुख मोड़ लिया ,
ज़माना क्या बदला ,लोगों ने रिश्ता ही तोड़ लिया|
फिर भी लोग दोस्ती मिसाल देते है ,
क्यूंकि इस बेहेतरीन रिश्ते ने ,
ज़माने को पीछे छोड़ दिया ,
हाँ दोस्ती ने बिखरे हुए दिलों को जोड़ दिया |
कल जो अंदाज़ था तब भी दोस्ती थी ,
आज जो मिज़ाज है तब भी दोस्ती है |
Nippranshi Jain (MBA Entrepreneurship)
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Nidhi Jain
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A Bengali Boy in a Bus
Boy: Hot..!
Girl: Thanks 😍
Boy: Hot, homko neechy utrna hai!!
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