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 ✍ बाहर  बारिश  हो  रही  थी, और अन्दर  क्लास  चल रही  थी.
तभी  टीचर  ने  बच्चों  से  पूछा - अगर तुम  सभी  को  100-100 रुपया  दिए जाए  तो  तुम  सब  क्या  क्या खरीदोगे ?

किसी  ने  कहा - मैं  वीडियो  गेम खरीदुंगा..

किसी  ने  कहा - मैं  क्रिकेट  का  बेट खरीदुंगा..

किसी  ने  कहा - मैं  अपने  लिए  प्यारी सी  गुड़िया  खरीदुंगी..

तो, किसी  ने  कहा - मैं  बहुत  सी चॉकलेट्स  खरीदुंगी..

एक  बच्चा  कुछ  सोचने  में  डुबा  हुआ  था  
टीचर  ने  उससे  पुछा - तुम  
क्या  सोच  रहे  हो, तुम  क्या खरीदोगे ?

बच्चा  बोला टीचर  जी  मेरी  माँ  को थोड़ा  कम  दिखाई  देता  है  तो  मैं अपनी  माँ  के  लिए  एक  चश्मा खरीदूंगा !

टीचर  ने  पूछा  -  तुम्हारी  माँ  के  लिए चश्मा  तो  तुम्हारे  पापा  भी  खरीद सकते  है  तुम्हें  अपने  लिए  कुछ  नहीं खरीदना ?

बच्चे  ने  जो  जवाब  दिया  उससे टीचर  का  भी  गला  भर  आया !

बच्चे  ने  कहा - मेरे  पापा  अब  इस दुनिया  में  नहीं  है  
मेरी  माँ  लोगों  के  कपड़े  सिलकर मुझे  पढ़ाती  है, और  कम  दिखाई  देने  की  वजह  से  वो  ठीक  से  कपड़े नहीं  सिल  पाती  है  इसीलिए  मैं  मेरी माँ  को  चश्मा  देना  चाहता  हुँ, ताकि मैं  अच्छे  से  पढ़  सकूँ  बड़ा  आदमी बन  सकूँ, और  माँ  को  सारे  सुख  दे सकूँ.!

टीचर -- बेटा  तेरी  सोच  ही  तेरी कमाई  है ! ये 100 रूपये  मेरे  वादे के अनुसार  और, ये 100 रूपये  और उधार  दे  रहा  हूँ। जब  कभी  कमाओ तो  लौटा  देना  और, मेरी  इच्छा  है, तू  इतना  बड़ा  आदमी  बने  कि  तेरे सर  पे  हाथ  फेरते  वक्त  मैं  धन्य  हो जाऊं !

20  वर्ष  बाद..........

बाहर  बारिश  हो  रही है, और अंदर क्लास चल रही है !

अचानक  स्कूल  के  आगे  जिला कलेक्टर  की  बत्ती  वाली  गाड़ी आकर  रूकती  है  स्कूल  स्टाफ चौकन्ना  हो  जाता  हैं !

स्कूल  में  सन्नाटा  छा  जाता  हैं !

मगर ये क्या ?

जिला  कलेक्टर  एक  वृद्ध  टीचर के पैरों  में  गिर  जाते  हैं, और  कहते हैं -- सर  मैं ....   उधार  के  100  रूपये  लौटाने  आया  हूँ !

पूरा  स्कूल  स्टॉफ  स्तब्ध !

वृद्ध  टीचर  झुके  हुए  नौजवान कलेक्टर  को उठाकर भुजाओं में कस लेता है, और रो  पड़ता  हैं !

दोस्तों --
मशहूर  हो, मगरूर  मत  बनना
साधारण  हो, कमज़ोर  मत  बनना
वक़्त  बदलते  देर  नहीं  लगती..
शहंशाह  को  फ़कीर, और  फ़क़ीर को 
शहंशाह  बनते, देर  नही  लगती ....

छोटी  सी कहानी आप  के  साथ शेयर  की🙏












✍ It was raining out, and the class was running in.
Then the teacher asked the children -

If you give 100-100 rupees to all, what will you buy all?

Someone said - I'll buy video games ..

Someone said - I will buy a cricket ki ..

Someone said - I will buy lovely doll for myself ..

So, someone said - I'll buy many chocolates.

A child was drowned in thinking
Teacher asked her - you
What are you thinking, what will you buy?

If the child is a teacher, my mother is a little less then I will buy a glass for my mother!

The teacher asked - your mother can buy glasses so you can not buy anything for yourself?

The reply of the child came from the teacher's throat!

The child said - My father is no longer in this world
My mother teaches me with the clothes of the people, and because of less visible she does not wear clothes properly, that is why I want to give glasses to my mother so that I can read well and become a big man, and mother I can give happiness.

Teacher - son, your thinking is your earning! These 100 rupees are as per my promise and, I am lending them 100 rupees. Whenever you earn, then return and, I wish, you become such a big man that I should be blessed when you are walking around your head!

20 years later ..........

It's raining out, and the class is running inside!

Suddenly, a school with a light of a district collector's light stops, the school staff gets scared!

School is full of silence!

But what about this?

District collectors fall under the feet of an old teacher, and say - Sir, I have come back ... to return 100 rupees of borrowing!

Full school staff stunned!

The old teacher takes a tilted youngster and puts him in the arms, and he is crying!

Friends -
Be famous
Be simple, do not be weak
Time does not seem to change.
To the monarch, the fakir and the fakir
The monarchy is formed, it does not seem late ....

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