किसी को कुछ दिखाना मेरा मकसद नहीं ,
बस अपना अनुभव व्यक्त करना चाहती हूँ ,
मैंने जिस मोड़ पर चोट खायी ,
उन रास्तों से आगाह करवाना चाहती हूँ |
वो चुभन ,जो मैंने महसूस की ,
वो किसी और के जीवन में न आएं ,
जिस ओर तुम बढ़ो ,मंज़िलें तुम्हे मिलती चली जाएं |
हाँ ,ठोकर तो लगेगी ,
तभी तुम्हे सीख मिलेगी ,
लेकिन में चाहती हूँ ,
मेरा लेख पढ़कर ही तुम्हे वो दर्द दिख जाए ,
कभी गिरकर उठो ,फिर सम्भलो ,
वो वक़्त तुम्हारा ,तुम्हारे हाथ से न चला जाये |
जीवन के इस खेल में ,मैंने देखें है कई खिलाडी ,
जो आसमान छूने की ताकत रखते थे ,
पर रह गए वो अनाड़ी|
कहीं तुम्हारी जीवन की गाड़ी का पहिया भी ,
यूँ न पलट जाए ,
कि ,तुम उलझ जाओ परेशानियों में ,
कोई और उस जगह बैठकर ,रफ़्तार में आगे न निकल जाये |
बस मैंने एक इशारा किया है ,
तुम्हारे सामने वो नज़ारा दिया है ,
गहराईयों में डूबकर समझना इसको ,
मैंने कठनाइयों के बड़े से समंदर में ,
एक छोटा सा किनारा दिया है |
किसी को कुछ दिखाना मेरा मकसद नहीं ,
बस तुम्हारे लिए कुछ करना चाहती हूँ ,
ये तुम्हारे काम आया तो बहुत सही ,
नहीं तो ,
अब इससे भी अच्छा कुछ सुन्ना चाहती हूँ |
By
Nippranshi Jain (MBA Entrepreneurship)
Social Media Intern
Alfa Bloggers Group
Nidhi Jain
General Manager Operations
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Nidhi@AlfaBloggers.com
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