Just a Co incidence

क्या यह महज इत्तेफाक है ?
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बैंकों का 9,000 करोड़ रुपया गड़प कर दिल्ली से फुर्र होने से एक दिन पहले विजय माल्या को संसद में इत्तफाकन अरुण जेटली से बात करते देखा गया।

इत्तफाक देखिये कि आई.पी.एल. घोटाले के उस्ताद ललित मोदी ने वसुन्धरा राजे के सुपुत्र के होटल कारोबार में काफी पूंजी लगायी।

सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ केस में सी.बी.आई. के विशेष जज उत्पट ने अमित शाह को फटकार लगाते हुए अगली तारीख में पेश होने का आदेश दिया और इत्तफाक कि अमित शाह की पेशी के लिए तय तारीख से केवल एक दिन पहले खुद ही तबादला मांग लिया।

इसी मामले में अगले जज लोया जब कुछ ही दिन में अपना आदेश सुनाने वाले थे कि इत्तफाकन दो साथी जज उन्हें आग्रहपूर्वक नागपुर ले गये, जहां चुस्त-दुरुस्त कसरती बदन वाले 49 वर्षीय लोया को तड़के 4.00 बजे दिल का दौरा पडा, साथी जज उन्हें गेस्ट हाउस से 7 मिनट की दूरी पर दिल के रोगों का अस्पताल होने के बावजूद, 5 मिनट की दूरी पर स्थित, हड्डी रोग के एक अस्पताल ले गये। और इत्तफाक यह कि इसके बाद भी जज लोया मर गये।

इत्तफाक यह भी कि पी.एन.बी. को 11,400 करोड़ रुपये का चूना लगाने पर जब एफ.आई.आर. हुई और खबर सामने आयी, तब घोटाले के मुख्य खिलाड़ी नीरव मोदी, पत्नी अमी मोदी, दोनों बच्चे, भाई निशाल मोदी, मामा मेहुल चोकसी, सब विदेश जा चुके थे।

पनामा पेपर्स में अभिनेता पति अजय देवगन का नाम आने के बाद इत्तफाकन, अभिनेत्री काजोल प्रधान सेवक के साथ देखी गयी। ठीक यही इत्तफाक बिग बी के साथ घटा कि पनामा पेपर्स में उनका नाम आया और वह भी परधान जी के साथ दिखे।

2 जी घोटाले में अदालत का खुश-खुश फैसला आने से पहले अभियुक्त कनीमोझी और उनकी पार्टी द्रमुक के मुखिया करुणानिधि भी इत्तफाकन परधान जी के साथ देखे गये थे।

इत्तफाक यह भी था कि इधर नोटबन्दी की घोषणा हुई और अगले ही दिन पे-टीएम के पूरे पन्ने के विज्ञापन में परधान जी नमूदार हुए।

एक और इत्तफाक देखिये कि जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच कराने की याचिकाओं के खिलाफ प्रतिवादी महाराष्ट्र सरकार की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे का भी नाम पनामा पेपर्स में है। इत्तफाकन हरीश साल्वे पहले सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह के भी वकील रहे हैं।

एक और इत्तफाक, कि ‘मैं हनुमान हूं’ टैग की टी-शर्ट पहनकर परधान जी के साथ पतंग उड़ाते देखे गये सलमान खान को भी निचली अदालत में दोषी ठहराये जाने के दो दिन बाद जमानत इन्हीं हरीश साल्वे ने दिलवायी थी।

जज लोया ने जिन तीन लोगों को सोहरबुद्दीन मामले में अनुकूल फैसला देने के लिये रिश्वत की पेशकश से हत्या की धमकी तक की बात बतायी थी, उनमें से दो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है और एक इसलिये बच गये कि दुर्घटना का समय गलत हो गया।

इतने सारे इत्तफाक!!!

http://www.anxietyattak.com/2018/03/attention-please_4.html



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