किसी की पत्नी को कोई उठाले , रास्ते में अगर कोई उस को रोके तो कहना कि तब आप कहाँ थे जब रावण ने सीता को उठाया था? ऐसा पहले हो चूका है इसलिए हटो रास्ते से। आप चुप।
किसी नारी की इज्ज़त लूट रहा हो कोई , कोई रोके तो कहै कि तब आप कहाँ थे जब भरी सभा में द्रोपदी की इज्ज़त जा रही थी? ऐसा पहले हो चूका है । आप चुप..😷
कोई किसी की गर्दन काट रहा हो और उसे कोई रोके तो कहना कि तब आप कहाँ थे जब तैमूर लंग दिल्ली में काट रहा था। ऐसा पहले हो चुका है। आप चुप।
कोई किसीका घर लूट रहा हो और जब हम रोकें तो कहे कि उस दिन कहाँ थे तुम जब अंग्रेज़ कोहिनूर उठा के ले गये? ऐसा पहले हो चूका है। आप चुप.😷
कोई लोकतंत्र की हत्या करें और करें कि पहले भी ऐसा हो चुका है । आप चुप
इतना कमीनापन कहाँ से लाये भाई?
तुम तो सब कुछ बदलने आये थे
कहे थे कि अब ऐसा नहीं होगा अब ऐसा नहीं होगा।
और अब
ये पहले भी होता आया है ऐसा पहले भी हुआ है । तब तुम कहां थे। ऐसे तर्क क्यों देने लग गए हो । फिर तुम में और उन में क्या अंतर है । अब जब तुम भी वही कर रहे हो तो वह क्या बुरे थे ।
इस पोस्ट का भारतीय जनता पार्टी और उसके निर्लज्ज नेताओं से कोई लेना देना नहीं है। अगर कहीं कोई समानता होती है तो उसे मात्र एक संयोग ही कहा जाएगा ।
किसी नारी की इज्ज़त लूट रहा हो कोई , कोई रोके तो कहै कि तब आप कहाँ थे जब भरी सभा में द्रोपदी की इज्ज़त जा रही थी? ऐसा पहले हो चूका है । आप चुप..😷
कोई किसी की गर्दन काट रहा हो और उसे कोई रोके तो कहना कि तब आप कहाँ थे जब तैमूर लंग दिल्ली में काट रहा था। ऐसा पहले हो चुका है। आप चुप।
कोई किसीका घर लूट रहा हो और जब हम रोकें तो कहे कि उस दिन कहाँ थे तुम जब अंग्रेज़ कोहिनूर उठा के ले गये? ऐसा पहले हो चूका है। आप चुप.😷
कोई लोकतंत्र की हत्या करें और करें कि पहले भी ऐसा हो चुका है । आप चुप
इतना कमीनापन कहाँ से लाये भाई?
तुम तो सब कुछ बदलने आये थे
कहे थे कि अब ऐसा नहीं होगा अब ऐसा नहीं होगा।
और अब
ये पहले भी होता आया है ऐसा पहले भी हुआ है । तब तुम कहां थे। ऐसे तर्क क्यों देने लग गए हो । फिर तुम में और उन में क्या अंतर है । अब जब तुम भी वही कर रहे हो तो वह क्या बुरे थे ।
इस पोस्ट का भारतीय जनता पार्टी और उसके निर्लज्ज नेताओं से कोई लेना देना नहीं है। अगर कहीं कोई समानता होती है तो उसे मात्र एक संयोग ही कहा जाएगा ।
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