Ministry of Information and Broadcasting, New Rules

Regarding the rules being issued for journalists across the country, issuing press cards, registration and educational qualification will determine

 The Ministry of Information and Broadcasting, concerned with the entry of anti-social elements in the journalism world, is preparing the rules for press cards issued by newspapers, newspapers and magazines and TV channels and News Agency and in the existing rules When the amendment is done, the churning is going on.

According to the information gathered in the country, increasing number of news-reports and journalists in the country has increased the awareness of the readers. At the same time some such faces have also knocked the journalism world, due to which journalistic questions have started getting started.

Educational Qualification is mandatory in the Journalism sector-

Please tell that after the registration of the newspaper, the publishers and editors publish a couple marks by issuing press cards to countless people who have nothing to do with journalism. Thanks to such faces, there is definitely a fingerprint on journalism.

In every village, some so-called journalists or newspaper owners have issued a press card with money from some people who collect money on the police and toltex naco. Real journalists are also troubled by so-called journalists. Police, administration and Toltex noses can not make a difference in real imitation. Now, after the implementation of this rule, the so called fake journalists will be able to inquire the police administration and reach those donors who have issued the money and issued prescriptions.

The Union Information and Broadcasting Ministry is going to compulsorily declare the degree of academic qualification of the applicant in the journal paper for registration.

The Central Government can stop the publication of newspapers.

Acceptance of District Magistrate concerned for reporter of daily newspapers, news agencies and TV channels After the police verification is being done, the process of issue of press card and press sticker by District Information and Public Relations Department is being finalized. The press card of publisher and editor of other newspapers, magazines will be issued by the Ministry of Information and Broadcasting. Press card and press sticker issued by government machinery will be valid only.

The publication of newspapers and periodicals by the Central Government can be stopped, who have not submitted their annual report for the last three years.

Those who sell press cards will be registered on the criminal case-

It is also discussed that in order to appoint a daily newspaper, news channel, news agency, to appoint a representative from any area, to apply for a representative, the district magistrate will have to apply, which will give approval after the post of District Information and Contact Officer.

The District Information and Contact Officer will show in their report that such daily newspapers, news channels, news agencies need a representative from this area.



Due to the revised rules, the government machinery will be kept in the purchase of press card and pressed vehicles. After getting the facts, the criminal case will be recorded on the card holder, the card issuer's signature and the owner of a pressed vehicle. Clearly, the implementation of this potential scheme of the Union Information and Broadcasting Ministry will change the map of journalism.

What does the police say?

We are troubled by the press card itself. How to find out who is the right reporter and who is bogus as soon as the order comes, all the vehicles written by the press will be checked and the case will be registered against the information of the Public Relations Department.

Will happen.



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Bedtime Rules: -


देशभर में पत्रकारों के लिए लागू होने जा रही है नियमावली, प्रेस कार्ड जारी करने से लेकर पंजीकरण और शैक्षणिक योग्यता का होगा निर्धारण


नईदिल्ली 13 जुलाई ।पत्रकारिता जगत में असामाजिक तत्वों के प्रवेश से चिंतित केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा समाचार पत्रों के पंजीकरण, समाचार पत्र/पत्रिका व टीवी चैनल तथा न्यूज एजेंसी द्वारा जारी प्रेस कार्ड के लिए नियमावली तैयार की जा रही है तथा मौजूदा नियमावाली में संशोधन किए जाने पर गंभीरता से मंथन चल रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार देशभर में बढ़ रहे अखबारी आंकड़े और पत्रकारों की बढ़ रही संख्यां से पाठकों की जागरूकता में वृद्धि हुई है। वहीं कुछ ऐसे चेहरों ने भी पत्रकारिता जगत में दस्तक दे दी है, जिसके कारण पत्रकारिता पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए है।

पत्रकारिता क्षेत्र में होगी शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य-

बता दें कि समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के बाद प्रकाशक व संपादक एक-दो अंक प्रकाशित कर अनगिनत लोगों को प्रेस कार्ड जारी कर देते है, जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं होता। ऐसे चेहरों की बदौलत पत्रकारिता पर जरूर उंगलियां उठती है।

हर गावं शहर मे कुछ तथाकथित पत्रकार या समाचार पत्र मालिको ने कुछ लोगो को पैसे लेकर प्रेस कार्ड जारी कर रखे है जो पुलिस एवं टोलटेक्स नाको पर धोंस जमाते हैं. एेसे तथाकथित पत्रकारो से असली पत्रकार भी परेशान हो रहे है । पुलिस, प्रशासन एवं टोलटेक्स नाके वाले असली नकली मे फर्क नही कर पाते है। अब इस नियम के लागू होने पर तथाकथित फर्जी पत्रकारो से पुलिस प्रशासन पुछताछ कर उन सरगनाओ तक पहुचं सकेगी जिन्होने पैसे लेकर प्रेसकार्ड जारी कर रखे हैं.।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता पत्रकारिता में डिग्री की शर्त को अनिवार्य करने जा रहा है।

समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद कर सकती है केंद्र सरकार-

दैनिक समाचार पत्रों, न्यूज एजेंसियों व टीवी चैनल के रिपोर्टर के लिए संबंधित जिला मैजिस्ट्रेट की स्वीकृति उसकी पुलिस वैरीफिकेशन होने उपरांत जिला सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रेस कार्ड तथा प्रैस स्टीकर जारी किए जाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अन्य समाचार पत्र, पत्रिकाओं के प्रकाशक व संपादक का प्रैस कार्ड सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा। सरकारी तंत्र द्वारा जारी प्रेस कार्ड व प्रेस स्टीकर ही मान्य होंगे।

केंद्र सरकार द्वारा उन समाचार पत्र व पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद किया जा सकता है जिन्होंने पिछले तीन वर्ष से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं करवाई।

प्रेस कार्ड बेचने वालों पर दर्ज होगा अपराधिक मामला-

चर्चा तो यह भी है कि किसी भी क्षेत्र से अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने वाला दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसीज को प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को आवेदन करना होगा, जो जिला सूचना व संपर्क अधिकारी की तस्दीक उपरांत स्वीकृति प्रदान करेंगे।

जिला सूचना व संपर्क अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दर्शाएंगे कि अमूक दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसीज को इस क्षेत्र से प्रतिनिधि की जरूरत है।

संशोधित नियमावाली के चलते प्रैस कार्ड की खरीद-फरोख्त तथा प्रेस लिखे वाहनों पर सरकारी तंत्र की नजर रहेगी। तथ्य पाए जाने उपरांत अपराधिक मामला कार्ड धारक, कार्ड जारी करने वाले हस्ताक्षर तथा प्रैस लिखे वाहन के मालिक पर दर्ज होगा। जाहिर है केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस संभावित योजना पर अमल होने से पत्रकारिता का मानचित्र बदल जाएगा।

क्या कहती है पुलिस–

हम खुद प्रेस कार्ड वालो से परेशान है कैसे पता किया जाये की कौन सही पत्रकार है और कौन फर्जी इसके लिये जैसे ही आदेश आते है प्रेस लिखे सभी वाहनों की जाँच की जायेगी और जो भी सूचना जनसम्पर्क विभाग की लिस्ट मै नही होगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।

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