बांट दिया इस धरती को ,
क्या चांद सितारों का होगा ....
नदियों के कुछ नाम रखे ..
बहती धारो का क्या होगा ..
शिव की गंगा भी पानी है ,
आबे जम जम भी पानी है ,
मुल्ला भी पिये ,
पंडित भी पिये ,
पानी का मज़हब क्या होगा ..?
इन फिरकापरस्तों से पूछो
क्या सूरज अलग बनाओगे ..
एक हवा में सांस है
सबकी क्या हवा भी अलग बनाओगे
नस्लो का जो करे जो बटवारा रहवर
वो कॉम का ढोंगी है ..
क्या खुदा ने मंदिर तोड़ा था
या राम ने मस्ज़िद तोड़ी है ...
क्या चांद सितारों का होगा ....
नदियों के कुछ नाम रखे ..
बहती धारो का क्या होगा ..
शिव की गंगा भी पानी है ,
आबे जम जम भी पानी है ,
मुल्ला भी पिये ,
पंडित भी पिये ,
पानी का मज़हब क्या होगा ..?
इन फिरकापरस्तों से पूछो
क्या सूरज अलग बनाओगे ..
एक हवा में सांस है
सबकी क्या हवा भी अलग बनाओगे
नस्लो का जो करे जो बटवारा रहवर
वो कॉम का ढोंगी है ..
क्या खुदा ने मंदिर तोड़ा था
या राम ने मस्ज़िद तोड़ी है ...
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