एक पति की सलाह।।।।
😃😃😃😃😀😀😀😀😀😀
One husband's advice ...
https://bit.ly/2v1aqsp
If you are a husband and wake up at 4.00 in the morning, and have a desire to drink tea, which is …… natural, then you will think… make tea by yourself or dear Ardhangini Do I get waking up .....?
In both situations, you may have to face the following terrible situations…
And whatever you do, you have to listen to the "four things", which are actually not less than 40-50 ... !!
● First condition: ---
You made tea yourself… !!
If you have made tea yourself, then when Bharata wakes up at eight o'clock in the morning, Brahma-muhurta, you have to listen: ----
What was needed was to make it myself, wake me up, put the whole pot "by burning", and it was "milk pot", "chai wali" is put down "filled with lentils" .... !!
Analysis: ---- The wife was saddened / embarrassed by the chai making herself / was frightened by the intrusion into her jurisdiction / or something else, you will never understand, the second is that …… “milk pot It is a crime to make "chai" in "tea", but "chai" can be stuffed with "pulses" .... ??
● Second condition: ---
You woke up your wife to make tea… !!
If you have also woken up your wife by mistake, be prepared to listen: ----
"My luck is bad, one thing does not work for this man, what did father see,
They need tea at midnight…
Just now, the back was straight, only the eye was engaged and their recommendations are that they are not ending, see the day, nor the night…. ??
By making tea, it will be finished by drinking but the flow of 'Shloka-Sarita' will remain constant, uninterrupted conduct ... !!
● Third condition: ---
Another strange situation .... !!
If you are making tea yourself .......
And there is half a teaspoon of sugar left in the sugar box, then the thought will come in your mind that I will take it out of the big box and top it up, if you have done this then you know what you will hear…. ??
Perhaps you may be thinking that, you have done a lot of praise, but you will have to hear this ....
"Who told you to get the sugar? I had to get that box today"
Conclusion: ---- In the eyes of the wife in the world, there is a complete lack of wisdom in the life of husband named ... !!
"Bestowed with all the great qualities"......
So he has "Papa", and "brother-in-law" ... ???
Therefore, my advice to all husbands is, if you wake up early in the morning, then cover your face and go to sleep, that is good… !!
यदि आप पति हो और कभी एकदम सुबह 4.00 बजे जाग जाओ, और चाय पीने की इच्छा हो जाए, जो कि......स्वाभाविक है, तो आप सोचेंगे कि.....चाय खुद ही बनाऊं या प्रिय अर्धांगिनी को जगाने का दुःसाहस करूँ.....?
दोनो ही स्थितियों में आपको निम्नलिखित भयंकर परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है...
और आप कुछ भी करो, आपको..."चार बातें"...तो सुननी ही है, जो कि वास्तव में 40-50 से कम नहीं होती हैं...!!
...
...
● पहली परिस्थिति:---
आपने खुद ही चाय बनाई...!!
आपने यदि खुद चाय बना ली, तो सुबह-सुबह ब्रह्म- मुहूर्त में आठ बजे जब भार्या जागेगी तब, आपको सुनना ही है:----
क्या ज़रूरत थी खुद बनाने की, मुझे जगा देते, पूरी पतीली "जला कर", रख दी, और वह "दूध की पतीली" थी, "चाय वाली" नीचे रखी है "दाल भरकर"....!!
...
...
विश्लेषण:---- चाय खुद बनाने से पत्नी दुखी हुई / शर्मिंदा हुई / अपने अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ से भयाक्रांत हुई / या कुछ और, आप कभी भी समझ नहीं पाएंगे, दूसरा ये कि......"दूध की पतीली" में "चाय" बनाना तो गुनाह है, लेकिन "चाय की पतीली" में "दाल" भरकर रखी जा सकती है....??
...
...
● दूसरी परिस्थिति:---
आपने पत्नी को चाय बनाने के लिए जगा दिया...!!
यदि आपने गलती से भी पत्नी को जगा दिया तो, आप सुनने के लिए तैयार रहिये:----
"मेरी तो किस्मत ही ख़राब है, एक काम नहीं आता इस आदमी को, पिताजी ने जाने क्या देखा था,
आधी रात को चाय चाहिए इन्हे...
अभी अभी तो, पीठ सीधी की थी, बस आँख लगी ही थी और इनकी फरमाइशें हैं कि, ख़त्म ही नहीं हो रही हैं, दिन देखते हैं, न रात....??
चाय बनकर, पी कर ख़त्म भी हो जाएगी पर 'श्लोक-सरिता' का प्रवाह अनवरत, अविरल चालता ही रहेगा...!!
...
...
● तीसरी परिस्थिति:---
एक अन्य विचित्र परिस्थिति....!!
यदि आप चाय खुद बना रहे हैं.......
और शक्कर के डिब्बे में शक्कर आधा चम्मच बची है, तो आपके दिमाग में विचार आएगा ही कि बड़े डिब्बे से निकालकर इसमें टॉप-अप कर देता हूँ, यदि आपने ऐसा किया तो पता है क्या सुनोगे....??
शायद आप सोच रहे होंगे कि, आपने बहुत शाबाशी वाला काम कीया, नहीं बल्कि आपको....शर्तिया ये सुनना पड़ेगा --
"किसने कहा था शक्कर निकालने को ? मुझे वह डिब्बा, आज मँजवाना था"
...
...
निष्कर्ष:---- संसार में पत्नी की नजरों में पति नाम का जो जीव होता है, उसमे अकल का बिल्कुल ही अभाव होता है...!!
"सर्व-गुण-संपन्न"......
तो उसके "पापा" होते हैं, और या जीजाजी"...???
इसलिए सभी पतियों को, मेरी सलाह है कि, कभी सुबह-सुबह नींद खुल जाए, तो वापस मुंह ढांक कर सो जाएं, उसी में भलाई है...!!
😂😂🤣🤣😎😎😂😂
😃😃😃😃😀😀😀😀😀😀
One husband's advice ...
https://bit.ly/2v1aqsp
If you are a husband and wake up at 4.00 in the morning, and have a desire to drink tea, which is …… natural, then you will think… make tea by yourself or dear Ardhangini Do I get waking up .....?
In both situations, you may have to face the following terrible situations…
And whatever you do, you have to listen to the "four things", which are actually not less than 40-50 ... !!
● First condition: ---
You made tea yourself… !!
If you have made tea yourself, then when Bharata wakes up at eight o'clock in the morning, Brahma-muhurta, you have to listen: ----
What was needed was to make it myself, wake me up, put the whole pot "by burning", and it was "milk pot", "chai wali" is put down "filled with lentils" .... !!
Analysis: ---- The wife was saddened / embarrassed by the chai making herself / was frightened by the intrusion into her jurisdiction / or something else, you will never understand, the second is that …… “milk pot It is a crime to make "chai" in "tea", but "chai" can be stuffed with "pulses" .... ??
● Second condition: ---
You woke up your wife to make tea… !!
If you have also woken up your wife by mistake, be prepared to listen: ----
"My luck is bad, one thing does not work for this man, what did father see,
They need tea at midnight…
Just now, the back was straight, only the eye was engaged and their recommendations are that they are not ending, see the day, nor the night…. ??
By making tea, it will be finished by drinking but the flow of 'Shloka-Sarita' will remain constant, uninterrupted conduct ... !!
● Third condition: ---
Another strange situation .... !!
If you are making tea yourself .......
And there is half a teaspoon of sugar left in the sugar box, then the thought will come in your mind that I will take it out of the big box and top it up, if you have done this then you know what you will hear…. ??
Perhaps you may be thinking that, you have done a lot of praise, but you will have to hear this ....
"Who told you to get the sugar? I had to get that box today"
Conclusion: ---- In the eyes of the wife in the world, there is a complete lack of wisdom in the life of husband named ... !!
"Bestowed with all the great qualities"......
So he has "Papa", and "brother-in-law" ... ???
Therefore, my advice to all husbands is, if you wake up early in the morning, then cover your face and go to sleep, that is good… !!
यदि आप पति हो और कभी एकदम सुबह 4.00 बजे जाग जाओ, और चाय पीने की इच्छा हो जाए, जो कि......स्वाभाविक है, तो आप सोचेंगे कि.....चाय खुद ही बनाऊं या प्रिय अर्धांगिनी को जगाने का दुःसाहस करूँ.....?
दोनो ही स्थितियों में आपको निम्नलिखित भयंकर परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है...
और आप कुछ भी करो, आपको..."चार बातें"...तो सुननी ही है, जो कि वास्तव में 40-50 से कम नहीं होती हैं...!!
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● पहली परिस्थिति:---
आपने खुद ही चाय बनाई...!!
आपने यदि खुद चाय बना ली, तो सुबह-सुबह ब्रह्म- मुहूर्त में आठ बजे जब भार्या जागेगी तब, आपको सुनना ही है:----
क्या ज़रूरत थी खुद बनाने की, मुझे जगा देते, पूरी पतीली "जला कर", रख दी, और वह "दूध की पतीली" थी, "चाय वाली" नीचे रखी है "दाल भरकर"....!!
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विश्लेषण:---- चाय खुद बनाने से पत्नी दुखी हुई / शर्मिंदा हुई / अपने अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ से भयाक्रांत हुई / या कुछ और, आप कभी भी समझ नहीं पाएंगे, दूसरा ये कि......"दूध की पतीली" में "चाय" बनाना तो गुनाह है, लेकिन "चाय की पतीली" में "दाल" भरकर रखी जा सकती है....??
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● दूसरी परिस्थिति:---
आपने पत्नी को चाय बनाने के लिए जगा दिया...!!
यदि आपने गलती से भी पत्नी को जगा दिया तो, आप सुनने के लिए तैयार रहिये:----
"मेरी तो किस्मत ही ख़राब है, एक काम नहीं आता इस आदमी को, पिताजी ने जाने क्या देखा था,
आधी रात को चाय चाहिए इन्हे...
अभी अभी तो, पीठ सीधी की थी, बस आँख लगी ही थी और इनकी फरमाइशें हैं कि, ख़त्म ही नहीं हो रही हैं, दिन देखते हैं, न रात....??
चाय बनकर, पी कर ख़त्म भी हो जाएगी पर 'श्लोक-सरिता' का प्रवाह अनवरत, अविरल चालता ही रहेगा...!!
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● तीसरी परिस्थिति:---
एक अन्य विचित्र परिस्थिति....!!
यदि आप चाय खुद बना रहे हैं.......
और शक्कर के डिब्बे में शक्कर आधा चम्मच बची है, तो आपके दिमाग में विचार आएगा ही कि बड़े डिब्बे से निकालकर इसमें टॉप-अप कर देता हूँ, यदि आपने ऐसा किया तो पता है क्या सुनोगे....??
शायद आप सोच रहे होंगे कि, आपने बहुत शाबाशी वाला काम कीया, नहीं बल्कि आपको....शर्तिया ये सुनना पड़ेगा --
"किसने कहा था शक्कर निकालने को ? मुझे वह डिब्बा, आज मँजवाना था"
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निष्कर्ष:---- संसार में पत्नी की नजरों में पति नाम का जो जीव होता है, उसमे अकल का बिल्कुल ही अभाव होता है...!!
"सर्व-गुण-संपन्न"......
तो उसके "पापा" होते हैं, और या जीजाजी"...???
इसलिए सभी पतियों को, मेरी सलाह है कि, कभी सुबह-सुबह नींद खुल जाए, तो वापस मुंह ढांक कर सो जाएं, उसी में भलाई है...!!
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