किसान के घर जन्म लिया है तो एक बार ज़रूर पढ़े_
एक किसान की मन की बात :-
😞😞😞😞😞😞😞😞😞
कहते हैं..
इन्सान सपना देखता है
तो वो ज़रूर पूरा होता है.
मगर
किसान के सपने
कभी पूरे नहीं होते।
बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।
बड़ा खुश होते हुए जाता है...
बच्चों से कहता है...
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा।।
पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा।।
😞😞😞😞😞
पत्नी:–”अरे नही जी..!”
“ये तो अभी ठीक है..!”
“आप तो अपने लिये
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!”
जब
किसान मंडी पहुँचता है।
ये उसकी मजबूरी है..
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता।
व्यापारी
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं...
एक
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।
एक
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।
लेकिन किसान
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .।
खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.।
माल तौलाई के बाद
जब पेमेन्ट मिलता है..
…
वो सोचता है..
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,
अरे हाँ,
बिजली का बिल
भी तो जमा करना है.
…
सारा हिसाब
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.।।
वो मायूस हो
घर लौट आता है।।
बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं...
“पिताजी..! पिताजी..!” कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
“हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?”
पिता:–”वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था,
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!”
पत्नी समझ जाती है, फसल
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.।
पति:–”अरे हाँ..!”
“तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!”
पत्नी:–”कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!”
पति:– “अरे वो तो मैं भूल ही गया..!”
पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .।
और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.।
फिर अगले दिन..
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.।
….
ये कहानी...
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है।।
…..
हम ये नहीं कहते
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते,
लेकिन...
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.।।
कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं...
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.।।
………
कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.।
वो किस तरह
फसल को पानी देता है.।।
25 लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है||
20 किलो खाद की
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.||
अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.||
चिलचिलाती धूप में
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.|
ज़हरीले जन्तुओं
का डर होते भी
खेतों में नंगे पैर घूमता है.||
……
जिस दिन
ये वास्तविकता
आप अपनी आँखों से
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.||
तभी तो आप भी एक मज़दूर और किसान का दर्द समझ सकेंगे।।
अगर आगे नहीं भेज सकते तो वापस मुझे भेज देना।
मैं भी किसान परिवार का बेटा हुँ 😌😌😌😌😌😌
"जय जवान जय किसान"
Once the farmer's house has been born, you must read once.
The point of the mind of a farmer: -
😞😞😞😞😞😞😞😞😞
it is said..
Man dreams
So that's definitely done.
but
Farmer's dreams
Sometimes they are not perfect.
Large arman and hard work produces the crop, and when the finished crop is marketed.
He is very happy ...
Tells children ...
Today I will bring you new clothes, fruits and desserts.
Tells the wife ..
Your sari too has become old, it has started to burst. I will get a sari new today.
😞😞😞😞😞
Wife: - "Oh no ..!"
"It's okay ..!"
"You are for yourself
How old are they going to take shoes and even bursts have gone!
when
Kisan Mandi reaches.
This is his compulsion.
He does not own the price of his own goods.
Businessman
The price of his goods
By your own accord ...
One
The price of the soap is also written on it.
One
The match price is also written on the match box.
But the farmer
Can not afford the price of your goods.
Well ..
The goods are sold,
But the price
He could not get it.
After goods towel
When the payment is received ..
...
He thinks ..
The medicine is given to the person, the man has to give it to the man, the worker has to give it,
Oh yes,
electricity bill
Also have to deposit.
...
Whole account
After putting it, nothing can save ...
He is upset
Returns home
The children find them waiting outside ...
"Father..! Daddy ..! "And clinging to him, he asks: -
"Do not take our new clothes ..?"
Father: - "What is that son ..,
Not only did we get good clothes in the market,
The shopkeeper was saying,
This time, good clothes will come on Diwali, will take it ..! "
Wife understands, crop
Sold in low prices,
They explain the children and send them out.
Husband: - "Oh yes ..!"
"Your sari did not even come ...!"
Wife: - "No problem, we will take it later but you bring your shoes ..!"
Husband: - "Hey, he forgot me ..!"
Wife has also been with husbands for years with her husband's sad face and the way she talks, she understands her problems
But still gives comfort to the husband ..
And goes to the kitchen hidden from the sari's pallu to its moist eyes.
Then next day ..
The whole family in the morning is a new hope,
A new hope combines to prepare for a new crop with a new dream.
....
This story ...
Every small and medium farmer is repeated every year in the life of the farmer.
... ..
We do not say this
That every time the crop
Do not get the right price,
but...
Whenever prices rise, media cameras arrive at the Mandi and show the news ten times in a day ...
The urban women in front of the camera say, smiling when they make their makeup by taking the basket in hand ...
The prices of vegetables have increased so much that our kitchen budget has deteriorated ...
.........
Ever put your basket in the corner and go to a farm and see the condition of the farmer.
How he
Gives water to the crop ...
Loads of 25 liters of medicine filled with tincture on the back.
20 kg of compost
Taking a tangra and roaming in fields, manages the crop.
Due to undeclared power cuts, awaiting waiting for electricity to be started overnight.
In the scorching sun
The head sweats flow to the feet.
Poisonous animals
Are afraid of
The bare feet revolve in fields.
......
which day
These reality
You with your eyes
You will see that day
Vegetables, onions, wheat, rice, lentils, fruits, spices, milk kept in the kitchen
All will start to look cheap.
Only then you will be able to understand the pain of a laborer and a farmer.
If you can not send it back then send me back.
I am the son of a farming family
"Jai Jawan Jai Kisan"
किसान के घर जन्म लिया है तो एक बार ज़रूर पढ़े_
एक किसान की मन की बात :-
😞😞😞😞😞😞😞😞😞
कहते हैं..
इन्सान सपना देखता है
तो वो ज़रूर पूरा होता है.
मगर
किसान के सपने
कभी पूरे नहीं होते।
बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।
बड़ा खुश होते हुए जाता है...
बच्चों से कहता है...
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा।।
पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा।।
😞😞😞😞😞
पत्नी:–”अरे नही जी..!”
“ये तो अभी ठीक है..!”
“आप तो अपने लिये
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!”
जब
किसान मंडी पहुँचता है।
ये उसकी मजबूरी है..
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता।
व्यापारी
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं...
एक
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।
एक
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।
लेकिन किसान
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .।
खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.।
माल तौलाई के बाद
जब पेमेन्ट मिलता है..
…
वो सोचता है..
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,
अरे हाँ,
बिजली का बिल
भी तो जमा करना है.
…
सारा हिसाब
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.।।
वो मायूस हो
घर लौट आता है।।
बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं...
“पिताजी..! पिताजी..!” कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
“हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?”
पिता:–”वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था,
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!”
पत्नी समझ जाती है, फसल
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.।
पति:–”अरे हाँ..!”
“तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!”
पत्नी:–”कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!”
पति:– “अरे वो तो मैं भूल ही गया..!”
पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .।
और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.।
फिर अगले दिन..
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.।
….
ये कहानी...
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है।।
…..
हम ये नहीं कहते
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते,
लेकिन...
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.।।
कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं...
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.।।
………
कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.।
वो किस तरह
फसल को पानी देता है.।।
25 लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है||
20 किलो खाद की
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.||
अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.||
चिलचिलाती धूप में
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.|
ज़हरीले जन्तुओं
का डर होते भी
खेतों में नंगे पैर घूमता है.||
……
जिस दिन
ये वास्तविकता
आप अपनी आँखों से
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.||
तभी तो आप भी एक मज़दूर और किसान का दर्द समझ सकेंगे।।
अगर आगे नहीं भेज सकते तो वापस मुझे भेज देना।
मैं भी किसान परिवार का बेटा हुँ 😌😌😌😌😌😌
"जय जवान जय किसान"
Nidhi Jain , female enterpreneurs very innovative Business idea ,
low cost , no frill and win-win
concept female enterpreneurs.
https://goo.gl/mVf3pA
https://goo.gl/mVf3pA
Invite Process
http://www.anxietyattak.com/2018/03/free-solar-panel.html
https://goo.gl/ssiszd
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See
http://golgpppa.blogspot.com/2018/03/india.html
https://goo.gl/5pzpBh
http://www.anxietyattak.com/2018/03/indian-farmer.html