जागो अग्रवाल भाईयों जागो !!!🖊
✍कहने को अग्रवाल,
नगर सेठ कहलाता है !
पर उसका हर 1-1 पैसा ,
दिखावेबाजी पर जाता है !
जन्म से लेकर मृत्यु तक,
पैसे की होली है !
देना,लेना अच्छा करना है,
समाज में नहीं तो,ठिठोली है!
अग्रवाल के घर,जिस दिन,
से सगाई हो जाती है !
उस दिन से, पैसे की होली,
वहीं शुरू हो जाती है !
बेटी का बाप,सगाई के लड्डू,
बनारस से मंगवाता है !
मेवा ज्यादा डालना भैया,
समाज में बांटा जाता है !
सारी बहू,बेटियां घर की ,
शॉपिंग में लग जाती है !
अलमारी में टंगी साड़ियां,
'आउट डेटेड' कहलाती है !
समाज की बहूरानियो को,
gk की नहीं जानकारी है !
उससे क्या होता है उनका,
'डायमंड नेकलेस' भारी है!
हर मोटी आंटी की साड़ी ,
रहती हजारों वाली है !
'बिंदी' चाहे दिखे नहीं पर ,
रहती 'स्टोन' वाली है !
पार्लर में कहती है जाकर,
'गोल्ड फेसिअल'करवाना है !
एड़िया चाहे फटी हुई हो पर,
उनको थोड़ी दिखाना है !
गहने कपडे़ पार्लर में घर का,
जितना खर्च हो जाता है !
उतने में दूसरे समाज का,
सामूहिक -विवाह हो जाता है !
अग्रवालों की दुल्हन बेटी,
पार्लर में जितना दे आती है!
उतने में निर्धन की बेटी,
अपने ससुराल चली जाती है !
बन्नी की माँ,कदम कदम ,
पर 'नेक' चुकाती जाती है !
वही घर की मामी,मौसिया.
'लिफाफे'बदलती जाती है !
घर के बहुए ननदों को,
जो 'पगा-लाग्नि' देती है !
बच्चों को बुआ हाथो में ,
वही लिफाफा देती है !
अपनी पार्टी में इंडिया का,
हर फेमस,आइटम होता है !
चाहे घर का आधा मेंबर ,
शुगर पेशेंट होता है !
मीठा,नमकीन हर आइटम,
का इतना मेला होता है !
कहाँ पर क्या लगा होता है,
किसी को पता नहीं होता है!
जितने में सैकड़ों गरीबों का ,
रात्रि डिनर हो जाता है !
उतना खाना तो सेठजी ,
का फेंकने में चला जाता है !
शादी के कार्ड का खर्चा ,
कपड़ो जितना होता है !
मिठाई से भी महंगा,
मिठाई का डिब्बा होता है !
जहाँ हमारी शादी में लाखों ,
का टर्न ओवर हो जाता है !
वही पंडित 10-20 के लिए,
'ॐ स्वाहा' जोर शोर से चिल्लाता है !
शादी के बाद जब खर्च के,
बिल का नंबर आता है !
टेंशन से भाईसाहब का ,
bp हाई हो जाता है !
जैसे ही बहुरानी ने दादी ,
बनने के खबर सुनाई है !
क्या देना है, क्या लेना है,
ये चिंता घिर आई है !
बहुरानी के मायके में भी,
तैयारिया शुरू हो जाती है !
लड़का होगा या लड़की ,
सोचकर शॉपिंग रुक जाती है !
'पगलिये' का क्या करना है,
नाना-नानी से कहते है !
कहाँ कम करे,कहाँ ज्यादा ,
अक्सर ये 'डिस्कस' करते है!
दोयतेको पहलीबार समधीके,
घर जब भी देखने जाउंगा !
हाथो हाथ 10 ग्राम की गिन्नी,
वही खड़े खडे दे आऊंगा !
'जलवे'में,अभी देरी है तुम,
चैन-अंगूठी, ले आना !
इनको कुछ हल्का करना,
नजरिया भारी बनवाना !
मुन्ना क्या चैन अंगूठी पहनेगा,
ये बात सोचने वाली है !
अब आप सभी बताओ भाई,
क्या ये नहीं दिखावे बाजी है !
जब ईश्वर ने अग्रवालों को,
'लक्ष्मी' का वरदान दिया है !
फिर क्यों हमने अपना ही नुकसान ,
कर दिखावे का सम्मान किया है!
'लक्ष्मी'के वरदान का अब ,
हमको नया 'धर्म' निभाना है !
भैया अपने हर खर्च को ,
उचित राह पर ले जाना है !
समाज के हर व्यक्ति को ,
अब हमने आगे बढ़ाना है !
हर गरीब की बेटी की ,
अब शादी करवाना है !
जिस दिन हर व्यक्ति का जीवन,
शिक्षा चिकित्सा पूर्ण रहेगा !
उस दिन वास्तव मे अग्रवाल,
'लक्ष्मीका सम्मान' करेगा !
ए मेरे अग्रवाल भाई ,
अब तो थोडा जाग जाओ !
दिखावे पर मत जाओ ,
अपनी अक्ल लगाओ !!
🙏 🙏
अवश्य पढ़ें👆👆 जय जय श्री अग्रसेन
Jago Agarwal brothers wake up !!! 🖊
✍ Saying Agarwal,
The town is called Seth!
But every 1-1 of his money,
Appearance goes on!
From birth to death,
Money is Holi!
Give, take good,
If not in the society, it is a pity!
Agrawal's house, on which day,
Gets engaged!
From that day, Holi of money,
It starts right there!
Daughter's father, engagement laddoo,
Banaras is calling from
Brother
Is divided into society!
All the daughters-in-laws, daughters of the house
Shopping takes place!
Tangerine saris in the cupboard,
'Out Date' is called!
To the Bahuranis of society,
GK has no information!
What happens to him,
'Diamond Necklace' is heavy!
Every thick aunt sari,
Hundreds of thousands live!
'Bindi' does not appear, however,
Living Stone is like!
Going to the parlor,
'Gold fascial' is ready!
Whether or not they are torn,
They have to show a little!
Homeowner in jewelry clothes parlor
How much is spent!
In other than the other society,
The group gets married!
The bride's bride daughter,
The more you pay in the parlor!
The daughter of poor,
Your in-laws go away!
Boney's mother, step step,
But 'good' is paying!
Mummy of the same house, Maucia.
'Envelopes' changes!
Many houses of the house,
What is 'Pagla-Lagni'!
In the children's hands,
That gives the envelope!
India in your party,
Every fame, the item is!
Whether half of the house,
Sugar is a patient!
Sweet, salty, every item,
That's so fair!
Where is the place,
Nobody knows!
As many as hundreds of poor,
Dinner gets dinner!
So much food, Sethji,
Goes into throwing!
Wedding card expense,
Wear!
Even more expensive than sweets,
A sweet box!
Where in our marriage millions,
Turns Over!
For the same Pandit 10-20,
'Swaha' loudly shouts!
After the wedding, when spending,
Bill's number comes!
From tension to brother-in-law,
bp gets high!
As soon as Bahurani got her grandmother,
News has been created!
What to give, what to take,
This worry has come!
Even in the maiden of Bahurani,
Preparation begins!
Boy or girl
Shopping stops thinking!
What to do with 'Pagalai'
Nana-nani says!
Where to reduce, where more,
Often these 'discus' do!
For the first time,
I will go home whenever I see!
Hand grip of 10 grams of hand,
I will stand the same standing!
In the waterway, you are still late,
Chain-ring, bring it!
Lighten them up,
Make the idea heavy!
Munna wore chain ring,
This thing is about to think!
Now tell me all brother,
Do not show that this is stupid!
When God called the agnates,
'Lakshmi' is a boon!
Then why do we have our own loss,
Have respected tax appearances!
Now, the gift of Lakshmi,
We have to do new 'Dharma'!
The brother spent all his expenses,
Take on the proper path!
To every person in the society,
Now we have to move forward!
Of every poor daughter,
Now get married!
On the day of every person's life,
Education will be full of education!
That day really Agarwal,
Lakshmika will respect!
A. My elder brother,
Now get a little bit awake!
Do not go on appearances,
Put your confidence !!
🙏 🙏
Be sure to read Jai Jai Shri Agrasen
जागो अग्रवाल भाईयों जागो !!!🖊
✍कहने को अग्रवाल,
नगर सेठ कहलाता है !
पर उसका हर 1-1 पैसा ,
दिखावेबाजी पर जाता है !
जन्म से लेकर मृत्यु तक,
पैसे की होली है !
देना,लेना अच्छा करना है,
समाज में नहीं तो,ठिठोली है!
अग्रवाल के घर,जिस दिन,
से सगाई हो जाती है !
उस दिन से, पैसे की होली,
वहीं शुरू हो जाती है !
बेटी का बाप,सगाई के लड्डू,
बनारस से मंगवाता है !
मेवा ज्यादा डालना भैया,
समाज में बांटा जाता है !
सारी बहू,बेटियां घर की ,
शॉपिंग में लग जाती है !
अलमारी में टंगी साड़ियां,
'आउट डेटेड' कहलाती है !
समाज की बहूरानियो को,
gk की नहीं जानकारी है !
उससे क्या होता है उनका,
'डायमंड नेकलेस' भारी है!
हर मोटी आंटी की साड़ी ,
रहती हजारों वाली है !
'बिंदी' चाहे दिखे नहीं पर ,
रहती 'स्टोन' वाली है !
पार्लर में कहती है जाकर,
'गोल्ड फेसिअल'करवाना है !
एड़िया चाहे फटी हुई हो पर,
उनको थोड़ी दिखाना है !
गहने कपडे़ पार्लर में घर का,
जितना खर्च हो जाता है !
उतने में दूसरे समाज का,
सामूहिक -विवाह हो जाता है !
अग्रवालों की दुल्हन बेटी,
पार्लर में जितना दे आती है!
उतने में निर्धन की बेटी,
अपने ससुराल चली जाती है !
बन्नी की माँ,कदम कदम ,
पर 'नेक' चुकाती जाती है !
वही घर की मामी,मौसिया.
'लिफाफे'बदलती जाती है !
घर के बहुए ननदों को,
जो 'पगा-लाग्नि' देती है !
बच्चों को बुआ हाथो में ,
वही लिफाफा देती है !
अपनी पार्टी में इंडिया का,
हर फेमस,आइटम होता है !
चाहे घर का आधा मेंबर ,
शुगर पेशेंट होता है !
मीठा,नमकीन हर आइटम,
का इतना मेला होता है !
कहाँ पर क्या लगा होता है,
किसी को पता नहीं होता है!
जितने में सैकड़ों गरीबों का ,
रात्रि डिनर हो जाता है !
उतना खाना तो सेठजी ,
का फेंकने में चला जाता है !
शादी के कार्ड का खर्चा ,
कपड़ो जितना होता है !
मिठाई से भी महंगा,
मिठाई का डिब्बा होता है !
जहाँ हमारी शादी में लाखों ,
का टर्न ओवर हो जाता है !
वही पंडित 10-20 के लिए,
'ॐ स्वाहा' जोर शोर से चिल्लाता है !
शादी के बाद जब खर्च के,
बिल का नंबर आता है !
टेंशन से भाईसाहब का ,
bp हाई हो जाता है !
जैसे ही बहुरानी ने दादी ,
बनने के खबर सुनाई है !
क्या देना है, क्या लेना है,
ये चिंता घिर आई है !
बहुरानी के मायके में भी,
तैयारिया शुरू हो जाती है !
लड़का होगा या लड़की ,
सोचकर शॉपिंग रुक जाती है !
'पगलिये' का क्या करना है,
नाना-नानी से कहते है !
कहाँ कम करे,कहाँ ज्यादा ,
अक्सर ये 'डिस्कस' करते है!
दोयतेको पहलीबार समधीके,
घर जब भी देखने जाउंगा !
हाथो हाथ 10 ग्राम की गिन्नी,
वही खड़े खडे दे आऊंगा !
'जलवे'में,अभी देरी है तुम,
चैन-अंगूठी, ले आना !
इनको कुछ हल्का करना,
नजरिया भारी बनवाना !
मुन्ना क्या चैन अंगूठी पहनेगा,
ये बात सोचने वाली है !
अब आप सभी बताओ भाई,
क्या ये नहीं दिखावे बाजी है !
जब ईश्वर ने अग्रवालों को,
'लक्ष्मी' का वरदान दिया है !
फिर क्यों हमने अपना ही नुकसान ,
कर दिखावे का सम्मान किया है!
'लक्ष्मी'के वरदान का अब ,
हमको नया 'धर्म' निभाना है !
भैया अपने हर खर्च को ,
उचित राह पर ले जाना है !
समाज के हर व्यक्ति को ,
अब हमने आगे बढ़ाना है !
हर गरीब की बेटी की ,
अब शादी करवाना है !
जिस दिन हर व्यक्ति का जीवन,
शिक्षा चिकित्सा पूर्ण रहेगा !
उस दिन वास्तव मे अग्रवाल,
'लक्ष्मीका सम्मान' करेगा !
ए मेरे अग्रवाल भाई ,
अब तो थोडा जाग जाओ !
दिखावे पर मत जाओ ,
अपनी अक्ल लगाओ !!
🙏 🙏
अवश्य पढ़ें👆👆 जय जय श्री अग्रसेन
✍कहने को अग्रवाल,
नगर सेठ कहलाता है !
पर उसका हर 1-1 पैसा ,
दिखावेबाजी पर जाता है !
जन्म से लेकर मृत्यु तक,
पैसे की होली है !
देना,लेना अच्छा करना है,
समाज में नहीं तो,ठिठोली है!
अग्रवाल के घर,जिस दिन,
से सगाई हो जाती है !
उस दिन से, पैसे की होली,
वहीं शुरू हो जाती है !
बेटी का बाप,सगाई के लड्डू,
बनारस से मंगवाता है !
मेवा ज्यादा डालना भैया,
समाज में बांटा जाता है !
सारी बहू,बेटियां घर की ,
शॉपिंग में लग जाती है !
अलमारी में टंगी साड़ियां,
'आउट डेटेड' कहलाती है !
समाज की बहूरानियो को,
gk की नहीं जानकारी है !
उससे क्या होता है उनका,
'डायमंड नेकलेस' भारी है!
हर मोटी आंटी की साड़ी ,
रहती हजारों वाली है !
'बिंदी' चाहे दिखे नहीं पर ,
रहती 'स्टोन' वाली है !
पार्लर में कहती है जाकर,
'गोल्ड फेसिअल'करवाना है !
एड़िया चाहे फटी हुई हो पर,
उनको थोड़ी दिखाना है !
गहने कपडे़ पार्लर में घर का,
जितना खर्च हो जाता है !
उतने में दूसरे समाज का,
सामूहिक -विवाह हो जाता है !
अग्रवालों की दुल्हन बेटी,
पार्लर में जितना दे आती है!
उतने में निर्धन की बेटी,
अपने ससुराल चली जाती है !
बन्नी की माँ,कदम कदम ,
पर 'नेक' चुकाती जाती है !
वही घर की मामी,मौसिया.
'लिफाफे'बदलती जाती है !
घर के बहुए ननदों को,
जो 'पगा-लाग्नि' देती है !
बच्चों को बुआ हाथो में ,
वही लिफाफा देती है !
अपनी पार्टी में इंडिया का,
हर फेमस,आइटम होता है !
चाहे घर का आधा मेंबर ,
शुगर पेशेंट होता है !
मीठा,नमकीन हर आइटम,
का इतना मेला होता है !
कहाँ पर क्या लगा होता है,
किसी को पता नहीं होता है!
जितने में सैकड़ों गरीबों का ,
रात्रि डिनर हो जाता है !
उतना खाना तो सेठजी ,
का फेंकने में चला जाता है !
शादी के कार्ड का खर्चा ,
कपड़ो जितना होता है !
मिठाई से भी महंगा,
मिठाई का डिब्बा होता है !
जहाँ हमारी शादी में लाखों ,
का टर्न ओवर हो जाता है !
वही पंडित 10-20 के लिए,
'ॐ स्वाहा' जोर शोर से चिल्लाता है !
शादी के बाद जब खर्च के,
बिल का नंबर आता है !
टेंशन से भाईसाहब का ,
bp हाई हो जाता है !
जैसे ही बहुरानी ने दादी ,
बनने के खबर सुनाई है !
क्या देना है, क्या लेना है,
ये चिंता घिर आई है !
बहुरानी के मायके में भी,
तैयारिया शुरू हो जाती है !
लड़का होगा या लड़की ,
सोचकर शॉपिंग रुक जाती है !
'पगलिये' का क्या करना है,
नाना-नानी से कहते है !
कहाँ कम करे,कहाँ ज्यादा ,
अक्सर ये 'डिस्कस' करते है!
दोयतेको पहलीबार समधीके,
घर जब भी देखने जाउंगा !
हाथो हाथ 10 ग्राम की गिन्नी,
वही खड़े खडे दे आऊंगा !
'जलवे'में,अभी देरी है तुम,
चैन-अंगूठी, ले आना !
इनको कुछ हल्का करना,
नजरिया भारी बनवाना !
मुन्ना क्या चैन अंगूठी पहनेगा,
ये बात सोचने वाली है !
अब आप सभी बताओ भाई,
क्या ये नहीं दिखावे बाजी है !
जब ईश्वर ने अग्रवालों को,
'लक्ष्मी' का वरदान दिया है !
फिर क्यों हमने अपना ही नुकसान ,
कर दिखावे का सम्मान किया है!
'लक्ष्मी'के वरदान का अब ,
हमको नया 'धर्म' निभाना है !
भैया अपने हर खर्च को ,
उचित राह पर ले जाना है !
समाज के हर व्यक्ति को ,
अब हमने आगे बढ़ाना है !
हर गरीब की बेटी की ,
अब शादी करवाना है !
जिस दिन हर व्यक्ति का जीवन,
शिक्षा चिकित्सा पूर्ण रहेगा !
उस दिन वास्तव मे अग्रवाल,
'लक्ष्मीका सम्मान' करेगा !
ए मेरे अग्रवाल भाई ,
अब तो थोडा जाग जाओ !
दिखावे पर मत जाओ ,
अपनी अक्ल लगाओ !!
🙏 🙏
अवश्य पढ़ें👆👆 जय जय श्री अग्रसेन