RIP Bhayyuji Maharaj Uday Singh Deshmukh Director

Five Baba's, including Computer Baba, had given State Minister Status in Madhya Pradesh Govt. One of them was the master of Modi. #Dhioji_Maharaj shot himself on "allegedly" on Tuesday.

He was admitted to Indore's Bombay Hospital in the injured state, where he died.

Bhayyaji Maharaj was counted as Politically Powerful Saints. By the way, his real name was #Uday #Singh #Deshmukh. 

#Bhayyuji #Maharaj enjoys tremendous popularity in Madhya Pradesh. #Shivraj #Singh Chouhan and BJP's electorate were frightened by his name.


Prime Minister #NarendraModi used to bow before them ten times a day. Sometimes even in the front of the camera

#BhaiyyuJiMaharaj were fond of cricket. In addition to horseback riding and fencing, he was also interested in poems.
As a saint, Bhaiyuji has also done poster # Modeling for SiyaramShootingShirting.

While living in Bhayyaji Maharaj's household life, Saint-ji lived on life. They have a daughter whose name is #Kuhu.

Born in Shujalpur in Shajapur district of Madhya Pradesh on April 29, 1968, there is a belief among the fans that they have the blessings of Lord # Dattatreya.

In Maharashtra, he got the status of a saint. He had a strong influence in the political sphere. His father-in-law is also the President of Maharashtra Congress. His close relationship with the late Union Minister Vilasrao Deshmukh BJP President # Nitin Gadkari, # Sangh Prakrut # Mohan Bhagwat and PM # NarendraModi are also on the list of their devotees.

He used to work as a Middleman in Politics








कंप्यूटर बाबा सहित जिन पांच लोगों को मध्यप्रदेश में राज्य मन्त्री का दर्जा देना पड़ा था। उनमे से एक मोदी के गुरु समान #भय्यूजी_महाराज ने मंगलवार को 'कथित' तौर पर खुद को गोली मार ली। 

उन्हें घायल अवस्था में इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

भय्यूजी महाराज को राजनीतिक रूप से ताकतवर संतों में गिना जाता था। वैसे उनका असली नाम #उदयसिंह_देशमुख था।

मध्य प्रदेश में भैय्यूजी महाराज को जबरदस्त लोकप्रियता हासिल है। #शिवराजसिंहचौहान और BJP के छुटभैय्ये नेता इनके नाम से ही घबराते थे।

प्रधानमंत्री #NarendraModi तो इनको दिन में दस बार दण्डवत प्रणाम करते थे। कभी कभी तो कैमरे के सामने भी।

#BhaiyyuJiMaharaj क्रिकेट के शौकीन थे। घुड़सवारी और तलवारबाजी के अलावा कविताओं में भी उनकी दिलचस्पी थी। 
संत होने के साथ ही भैय्यूजी महाराज #सियारामशूटिंगशर्टिंग के लिए पोस्टर #मॉडलिंग भी कर चुके हैं।

भय्यूजी महाराज गृहस्थ जीवन में रहते हुए संत-सी जिंदगी जीते थे। उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम #Kuhu है। 

29 अप्रैल 1968 में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में जन्मे भय्यूजी के चहेतों के बीच ये धारणा है कि, उन्हें भगवान #दत्तात्रेय का आशीर्वाद हासिल है।

महाराष्ट्र में उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा मिला था। 
राजनीतिक क्षेत्र में उनका खासा प्रभाव रहा। उनके ससुर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। 

दिवंगत केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख से उनके करीबी संबंध रहे। बीजेपी अध्यक्ष #नितिनगडकरी, #संघप्रमुख #मोहनभागवत से लेकर पीएम #नरेन्द्रमोदी भी उनके भक्तों की सूची में हैं।

राजनीति में वह एक मिडिलमैन का काम करते थे।

जिससे मिलकर लोग अपना आत्महत्या का विचार बदल दे, वो स्वयं ही अगर  आत्महत्या कर ले.... जो लोगों के कठिन प्रश्नों के जवाब देता रहा हो वो खुद कहीं जाकर बेजवाब हो जाए ... 

जिस पर जवाबदारी हो वह स्वयं बोझ हो जाए.... जिसने जीवन का संदेश फैलाया वो स्वयम मौत को गले लगा ले।।।। 

इसमें कारण कुछ भी रहा हो लेकिन भय्यूजी महाराज (आध्यात्मिक संत एवं मध्यप्रदेश में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त ) की आत्महत्या ने 

मेरी नजर में उन लाखो करोड़ो आम आदमीयो की कद्र बहुत बढ़ा दी.. जो किराए का मकान, घर की लड़ाईयां, बच्चों की फीस, बूढ़ों की बीमारियां और बच्चों की शादियां इन सब से गुजरते हुए भी  जिंदगी को जीना जानते हैं,छोड़ना नहीं।।।। 

गुड्डी के बाल खाने से भी आसान है आत्महत्या... 

लेकिन सूरज को छूने से भी मुश्किल है  जीवन जीना।। आज इस पोस्ट के माध्यम से मैं उन सभी लोगों को नमन करता हूं जिन्होंने सामान्य गृहस्थ जीवन में प्रवेश लेते हुए अपनी सभी सामाजिक और पारिवारिक जवाबदारीयो का निर्वहन करने की कोशिश बखूबी की।। 
#RIP #BhaiyyuMaharaj #SpritualGuru #आध्यात्मिक_गुरु

http://www.anxietyattak.com/2018/06/bhayyuji-maharaj-uday-singh-director.html

#Uday 
#Singh 
#Director.

#Bhayyuji #Maharaj 

#Madhya #Pradesh. #Shivraj #Singh Chouhan 


#Prime #Minister #NarendraModi 
#BhaiyyuMaharaj #SpritualGuru #private_guru

#AmitJha










Digital India

थोड़ा तर्क शक्ति का इस्तेमाल कर नीचे लिखी हुई बातों पर ध्यान दें और अपना विवेक इस्तेमाल करें*
https://goo.gl/oBkupJ

चीन के सबसे अमीर व्यक्ति जैक मा कहते है -                                                                                     
यदि आप बंदर के सामने केले और बहुत सारे पैसे रखेंगे तो बंदर केले उठाएगा पैसे नही क्योकि वह नही जानता है की पैसो से बहुत सारे केले खरीदे जा सकते है ।               

उसी प्रकार आज यदि वास्तविकता मे भारत की जनता को निजी हित निजी स्वार्थ पूरे करने और राष्ट्रीय सुरक्षा मे सेे एक का विकल्प चयन करने का कहें तो वो निजी स्वार्थ ही चयन करेंगे।  

क्योकी वो नही समझ पा रहे है की राष्ट्र सुरक्षित नही रहा तो फिर निजी हितो की गठरी बाँध के कहा ले जाऐंगे।🤔😇😇

Read Carefully :

*1*."डिजिटल इंडिया" का अगुवा रिलायंस - "जियो" बना, जबकि मौका बीएसएनएल / एमटीएनएल के पास पूरा था...!





*2.*कैशलेस इकोनॉमी का अवतार एनपीसीआई के "रुपए" को बनना च
ाहिए था... लेकिन बाज़ी सीधे-सीधे "पे-टीएम" के हाथ लगने दी गई...!



*3.*फ्राँस के रफेल फ़ाइटर जेट का भारतीय पार्टनर हिंदुस्तान एरोनौटिक्स लिमिटेड को होना चाहिए... लेकिन ऑर्डर मिला रिलायंस - "पिपावा डिफेंस"...!





*4*.भारतीय रेल को डीज़ल सप्लाई का ठेका इंडियन ऑइल कार्पोरेशन को मिलना चाहिए था लेकिन मिला रिलायंस पेट्रोकेमिकल्स को..!





*5.*ऑस्ट्रेलिया की खानों के टेंडर में सरकार चाहती तो "एमएमटीसी" की बेंक गारंटी एसबीआई के जरिये दे सकती थी... लेकिन मिला अडानी ग्रुप को...!



*6.*सरकारी संस्थानों को जान-बूझकर प्राइवेट कंपनियों का पिछलग्गू बनाकर किसे फ़ायदा पहुँचाया जा रहा है...?




*7.*अब.अगर फ़िस्क़ल और मॉनेटरी पाॅलिसीज़ में चेंजेज़ आ ही रहे हैं, तो इसका मुनाफ़ा सरकारी उपक्रमों को मिलने के बजाय निजी हाथों में क्यों दे रहे रहो...?
सुनो, राजनीति और राष्ट्रहित कभी एक नहीं हो सकते... 



देशप्रेम और किसी व्यक्ति-विशेष का चारित्रिक पूजन करने में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है.. इस फ़र्क़ को समझना ज़रूरी है और असलियत के धरातल में रहना उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है...



जी-हुज़ूरी करना इसलिए भी ग़लत होता है क्योंकि वो आपसे आपका सवाल पूछने का अधिकार छीन लेता है... 


https://goo.gl/oBkupJ

कृपया तथ्यपरक विचारों के साथ तर्क वितर्क करें.........
https://goo.gl/oBkupJ









Missing Tile Syndrome

Missing Tile Syndrome
मिसिंग टाइल सिंड्रोम
www.anxietyattak.com/2018/06/missing-tile-syndrome.html

Missing Tile Syndrome is a Big Psychological Problem in which all our attention remains towards the Lack of Life that we have not been able to. And this is the biggest reason to steal our Happiness.


Whatever is good in life, we see only those things which are missing and this is the biggest reason for our Grief.

Can we change the habit of bringing happiness to our life ?

Missing Tile Syndrome - Once upon a time a famous hotel built a swimming pool in a small town in a small town. To put the finest Italian tiles around the swimming pool, but the mistake of mistress was missed in one place. Now whichever comes first his attention goes to the beauty of tiles. Seeing so many tiles everybody would be enchanted. He closely observes and appreciates those tiles. Only then did he go to that missing tile and stuck there .... After that he could not see the beauty of any other tile. The complaining of everybody coming back from the swimming pool was a tile missing. Among the thousands of tiles, the missing tile dominated her mind.
Many people would be very sad to see that tile that even a tile remained so perfect. So many people would have been confused how to fix that tile. However, no one was happy about it, and a beautiful swimming pool could not give any happiness or happiness to the people.
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In fact, that missing tile was an experiment in that swimming pool. Psychological experiment, which proves that our focus goes towards deficiencies. Everything is happening as well, but where there will be a shortage, our attention will be there.
Tile is fine, but this is the same thing in our life too? So it is a psychological problem that every person is passing.

This psychological problem was given the name of missing tile syndrome. According to Dennis Prager, paying attention to those things which are not in our life becomes the biggest reason to steal our happiness later on.

         There may be many instances in which we all feel sad behind all our losses. What most people have got, but what they have not found in the place of happiness, but are unhappy.

           Missing tile stole our focus and stole all the joys of our lives. It causes physical and mental many diseases, now it is in our hands that we keep our focus on the missing tile and remain unhappy or keep on those values which are with us and be happy ...

Keep trying to aspire high but never ignore the blessings you already have, enjoy the life given to you, knowingly / unknowingly its design by you only! "

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Pilot's Career GuideStep by Step Learn How to Become an International Airline Pilot

Author Name: Capt Shekhar Gupta 
















मिसिंग टाइल सिंड्रोम

मिसिंग टाइल सिंड्रोम एक मनोवैज्ञानिक समस्या है जिसमें हमारा सारा ध्यान जीवन की उस कमी की तरफ रहता है जिसे हम नहीं पा सके हैं | और यहीं बात हमारी ख़ुशी चुराने का सबसे बड़ा कारण है।
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जिन्दगी में कितना कुछ भी अच्छा हो, हम उन्हीं चीजों को देखते हैं जो मिसिंग हैं और यही हमारे दुःख का सबसे बड़ा कारण है।

क्या इस एक आदत को बदल कर हम अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं ?

मिसिंग टाइल सिंड्रोम - एक बार की बात है एक छोटे शहर में एक मशहूर होटल  ने अपने होटल में एक स्विमिंग पूल बनवाया। स्विमिंग पूल के चारों  ओर बेहतरीन इटैलियन  टाइल्स लगवाये, परन्तु मिस्त्री की गलती से एक स्थान पर टाइल  लगना छूट गया। अब जो भी आता पहले उसका ध्यान टाइल्स  की खूबसूरती पर  जाता। इतने बेहतरीन टाइल्स देख कर हर आने वाला मुग्ध हो जाता। वो बड़ी ही बारीकी से उन टाइल्स को देखता व प्रशंसा करता। तभी उसकी नज़र उस मिसिंग टाइल पर जाती और वहीं अटक जाती.... उसके बाद वो किसी भी अन्य टाइल की ख़ूबसूरती नहीं देख पाता। स्विमिंग पूल से लौटने वाले हर व्यक्ति की यही शिकायत रहती की एक टाइल मिसिंग है। हजारों टाइल्स  के बीच में वो मिसिंग टाइल उसके दिमाग पर हावी रहता थी।
कई लोगों को उस टाइल को देख कर बहुत दुःख होता कि इतना परफेक्ट बनाने में भी एक टाइल रह ही गया। तो कई लोगों को उलझन हो होती कि कैसे भी करके वो टाइल ठीक कर दिया जाए। बहरहाल वहां से कोई भी खुश नहीं निकला, और एक खूबसूरत स्विमिंग पूल लोगों को कोई ख़ुशी या आनंद नहीं दे पाया |
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दरअसल उस स्विमिंग पूल में वो मिसिंग टाइल एक प्रयोग था। मनोवैज्ञानिक प्रयोग जो इस बात को सिद्ध करता है कि हमारा ध्यान कमियों की तरफ ही जाता है। कितना भी खूबसूरत सब कुछ हो रहा हो पर जहाँ एक कमी रह जायेगी वहीँ पर हमारा ध्यान रहेगा।
टाइल तक तो ठीक है पर यही बात हमारी जिंदगी में भी हो तो ? तो यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या है जिससे हर  व्यक्ति गुज़र रहा है।

इस मनोविज्ञानिक समस्या को मिसिंग टाइल सिंड्रोम का नाम दिया गया। Dennis Prager के अनुसार उन चीजों पर ध्यान देना जो हमारे जीवन में नहीं है, आगे चल कर हमारी ख़ुशी को चुराने का सबसे बड़ा कारण बन जाती हैं।

         ऐसे बहुत से उदाहरण हो सकते हैं जिसमें हम अपनी किसी एक कमी के पीछे सारा जीवन दुखी रहते हैं। ज्यादातर लोग उन्हें क्या-क्या मिला है पर खुश होने के स्थान पर उन्हें क्या नहीं मिला है पर दुखी रहते हैं।

           मिसिंग टाइल हमारा फोकस चुरा कर हमारी जिन्दगी की सारी  खुशियाँ चुराता है। यह शारीरिक और मानसिक कई बीमारियों की वजह बनता है,  अब हमारे हाथ में है कि हम अपना फोकस मिसिंग टाइल पर रखे और दुखी रहें या उन नेमतों पर रखे जो हमारे साथ है और खुश रहें...


Keep trying to aspire high but never ignore the blessings you already have, enjoy the life given to you, knowingly/unknowingly its designed by you only!” 👍

मिसिंग टाइल सिंड्रोम



A.Sowmya
Aviation HR Manager
AirCrews Aviation Pvt. Ltd






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